Nag Mandir: भारत में कई प्रसिद्ध नाग मंदिर है। नागपंचमी के दिन जो व्यक्ति इन चमत्कारी नाग मंदिरों के दर्शन करता है उसकी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

Nag Panchami 2024 Famous Nag Temple

Nag Panchami 2024 Famous Temple



Nag Panchami 2024 Famous Mysterious Nag Temple: हिंदू धर्म में नाग पंचमी का पर्व सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता हैं। साल 2024, 9 अगस्त, शुक्रवार के दिन नाग पंचमी मनाई जा रही है। इस दिन महिलाएं नाग देवता की पूरे विधि विधान से पूजा करके अपने परिवार की खुशहाली की प्रार्थना करती है।

हिन्दू धर्म में नाग देवता की पूजा प्राचीन काल से चली रही है। भारतीय पौराणिक कथाओं में नागों का विशेष महत्व है। ऐसी मान्यता है कि नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करने या सर्प को दूध पिलाने से जीवन में सौभाग्य और समृद्धि आती है। इसके अलावा यदि जातक की कुंडली में कालसर्प दोष बन रहा है तो उसका प्रभाव भी इस दिन नागों की पूजा करने से दूर हो जाता है।

हिंदू परंपराओं के अनुसार, सांप एक अभिन्न अंग है और सांप कई हिंदू देवताओं का प्रतिनिधित्व भी करते हैं। भगवान शिव अपने गले में सांपों की माला पहनते हैं, यानी उनके गले में नाग देवता किसी आभूषण की तरह सजते हैं। वहीं भगवान विष्णु शेषनाग की शैय्या पर शयन करते हैं।

नागपंचमी के दिन केवल घर में ही नहीं बल्कि कुछ ऐसे मंदिरो में भी नाग देवता की पूजा की जाती है जो सिर्फ नाग देवता को ही समर्पित हैं। भारत में कुछ प्राचीन सर्प देव मंदिर है जिनमें सिर्फ नागपंचमी के दिन दर्शन और पूजा की जाती है। आइये जानते है ऐसे ही कुछ प्रसिद्ध और चमत्कारी नाग मंदिरों के बारे में हमारे आज के विशेष लेख में जिनके दर्शन मात्र से कुंडली का कालसर्प और जीवन से जुड़ा सर्पदंश दोष दूर होता है। इसके आलावा इनमें से कुछ ऐसे भी हैं जिनके द्वार केवल नाग पंचमी के दिन ही खुलते हैं। आइये जानते है विस्तार से -

 

भारत के 5 प्रसिद्ध नागों की मंदिर (5 Famous Nag Temples Of India)


नाग चंद्रेश्वर मंदिर, उज्जैन (Nagchandreshawar Temple, Ujjain)

Nag Panchami 2024 Famous Nag Temple: नागपंचमी पर ही खुलते हैं सर्पराज के ये मंदिर, नागराज के दर्शन से होती है मनोकामनां पूरी, मिट जाते हैं सभी सर्प दोष!

नाग चंद्रेश्वर मंदिर, उज्जैन


महाकाल की नगरी, उज्जैन में नाग देवता का एक ऐसा प्रसिद्ध मंदिर है जहां सिर्फ नागपंचमी के दिन ही भक्तों का तांता लगा रहता है। पूरे साल में केवल इसी दिन मंदिर के कपाट खोले जाते हैं। ऐसी  मान्यता है कि इस मंदिर में हर भक्त की मनोकामना पूर्ण होती है। उज्जैन में नागचंद्रेश्वर मंदिर को लेकर कई पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं। यह मंदिर उज्जैन के प्रसिद्ध महाकाल मंदिर की तीसरी मंजिल पर स्थित है। मान्यता के अनुसार कहा जाता है कि नागों के राजा तक्षक इस मंदिर के भीतर प्रकट हुए थे और आज भी इस दिन वह भक्तों को आशीर्वाद देने आते हैं। पौराणिक मान्यता के अनुसार कहा जाता है कि यहां पर पूजा करने से सर्प दोष और भय दूर होता है। इस मंदिर में भगवान शिव, माता पार्वती और गणेश जी दशमुखी सर्प शय्या पर विराजित हैं।


मन्नारशाला नाग मंदिर, केरल (Mannarshala Nag Temple, Kerala)

Nag Panchami 2024 Famous Nag Temple: नागपंचमी पर ही खुलते हैं सर्पराज के ये मंदिर, नागराज के दर्शन से होती है मनोकामनां पूरी, मिट जाते हैं सभी सर्प दोष!

मन्नारशाला नाग मंदिर, केरल


दक्षिण भारत में केरल के अलेप्पी जिले में लगभग 40 किमी दूर स्थित है बहुत ही प्रसिद्ध और प्रख्यात मन्नारशाला नाग मंदिर। इस मंदिर में एक नहीं बल्कि 30,000 नागों की प्रतिमाएं और चित्र हैं, जिन्हें देखना ही अपने आप में एक अद्भुत और अविस्मरणीय अनुभव है। यहां नागराज के साथ उनकी जीवनसंगिनी नागायक्षी देवी विराजमान हैं। भगवान परशुराम को मन्नारशाला मंदिर का निर्माता कहा जाता है। दिलचस्प बात यह है कि यह मंदिर 16 एकड़ वाले हरे भरे जंगलों से घिरा हुआ है। ऐसा माना जाता है कि यह मंदिर तीन हजार साल पुराना है। इस मंदिर की एक और खासियत यह है कि यहां की मुख्य पुजारी एक महिला हैं। मन्नारशाला मंदिर केरल में स्थित सबसे बड़ा सर्प मंदिर है। इस मंदिर में दर्शन के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं। इस मंदिर में नवविवाहित और निःसंतान दंपतियों द्वारा मंदिरों में जाने की परंपरा है। यह दंपति मंदिर में जाकर नाग देवता से बच्चे की कामना करते हैं। ऐसी मान्यता है कि यहां दर्शन करने वालों की सेहत हमेशा अच्छी बनी रहती है और संतान सुख का आशीर्वाद मिलता है।


शेषनाग मंदिर, जम्मू कश्मीर (Sheshnag Temple, Jammu Kashmir)

जम्मू-कश्मीर में नागराज का एक प्रसिद्ध प्राचीन मंदिर है, जिसका नाम शेषनाग मंदिर है। यह मंदिर पीर पंजाल पर्वत श्रृंखला में पटनीटॉप में स्थित है। पहाड़ की चोटी पर बने इस मंदिर का इतिहास 600 साल पुराना बताया गया है। कश्मीर का अनंतनाग क्षेत्र पहले नागवंशियों का गढ़ था। इस मंदिर में नागपंचमी के दिन भव्य उत्सव होता है, जिसमें हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है।

Nag Panchami 2024 Famous Nag Temple: नागपंचमी पर ही खुलते हैं सर्पराज के ये मंदिर, नागराज के दर्शन से होती है मनोकामनां पूरी, मिट जाते हैं सभी सर्प दोष!

शेषनाग मंदिर, जम्मू कश्मीर

पौराणिक कथाओं के अनुसार, शेषनाग, जिन्हें सांपों का राजा भी कहा जाता है, ने पहलगाम के पास एक झील बनाई। ऐसा माना जाता है कि शेषनाग अभी भी यहां रहते हैं और इसलिए इसके तट पर नाग देवता को समर्पित एक मंदिर बनाया गया है, इन्हें छह सिर वाले धार्मिक नाग के रूप में पूजा जाता है। मंदिर में एक बड़ा शिलाखंड है जिस पर कई लोहे की जंजीरें रखी हुई हैं जो शेषनाग के संरक्षक देवता की प्रतीक्षा कर रहे छोटे नागों का प्रतिनिधित्व करती हैं। कश्मीर के अनंतनाग जिले में शेषनाग झील भी भगवान शेषनाग को समर्पित है, जहां भगवान शिव ने देवी पार्वती से बात करने के लिए अमरनाथ गुफा के रास्ते में अपने सभी सांपों को हटा दिया था।तीर्थयात्री अपनी अमरनाथ गुफा की यात्रा पर इस झील की यात्रा करते हैं और शेषनाग की पूजा करते हैं। इस धार्मिक स्थल का परिवेश बेहद ही मनमोहक है।


कर्कोटक नाग मंदिर, भीमताल (Karkotaka Nag Temple, Bhimtal)

Nag Panchami 2024 Famous Nag Temple: नागपंचमी पर ही खुलते हैं सर्पराज के ये मंदिर, नागराज के दर्शन से होती है मनोकामनां पूरी, मिट जाते हैं सभी सर्प दोष!

कर्कोटक नाग मंदिर, भीमताल

उत्तराखंड में कई प्रसिद्ध और प्राचीन मंदिर हैं। नैनीताल के पास स्थित भीमताल में एक प्राचीन नाग मंदिर है, जिसे कर्कोटक नाग मंदिर कहा जाता है। नागराज का यह मंदिर कर्कोटक नामक पहाड़ी की चोटी पर बना है। इस मंदिर का इतिहास करीब 5 हजार साल पुराना है। स्कंद पुराण के मानसखंड में कर्कोटक नाग मंदिर का वर्णन मिलता है। पहाड़ के घने जंगलों में स्थित इस मंदिर में नागपूजा का बहुत ज्यादा महत्व माना गया है। ऐसी मान्यता है कि कर्कोटक मंदिर में पूजा करने पर व्यक्ति के जीवन से सर्पदंश का दोष दूर हो जाता है। इस मंदिर में लोग दूर-दूर से कालसर्प दोष की पूजा कराने के लिए पहुंचते हैं।


वासुकी नाग मंदिर, प्रयागराज (Vasuki Nag Temple, Prayagraj)

Nag Panchami 2024 Famous Nag Temple: नागपंचमी पर ही खुलते हैं सर्पराज के ये मंदिर, नागराज के दर्शन से होती है मनोकामनां पूरी, मिट जाते हैं सभी सर्प दोष!

वासुकी नाग मंदिर, प्रयागराज

उत्तर प्रदेश की प्रयागराज तीर्थ नगरी है और यहां पर गंगा-यमुना के साथ गुप्त सरस्वती नदी का संगम है। इसी संगम के तट पर दारागंज क्षेत्र में स्थित वासुकी नाग का एक प्रसिद्धि मंदिर है। वासुकी नाग वही नाग है जो भगवान शिव के गले में लिपटे हुए हैं। नाग पंचमी के अवसर पर इस नाग मंदिर में एक बड़े मेले का आयोजन किया जाता है, जहां भक्तों की भारी भीड़ दर्शन एवं पूजन के लिए पहंचती है। वासुकी नाग मंदिर को शेषराज, अनंत, सर्वाध्यक्ष और सर्पनाथ के नाम से जाना जाता है। हिंदू मान्यता के अनुसार नागवासुकि मंदिर में पूजा करने पर व्यक्ति की कुंडली में स्थित कालसर्प दोष दूर हो जाता है। नाग पंचमी के दिन लोग इस मंदिर में जाकर नाग देवता को दूध एवं गंगाजल चढ़ाकर अपने परिवार की खुशहाली की कामना करते हैं।

दोस्तों इस नाग पंचमी आप भी इन नाग मंदिरों के दर्शन एवं पूजन करके नाग देवता से मनोकामनाओं पूर्ति का आशीर्वाद प्राप्त करें। अगर आपने इनमें से किसी मंदिर में दर्शन लिया है तो अपना अनुभव कमेंट सेक्शन में अवश्य शेयर कीजिएगा। इसी उम्मीद के साथ आपको हमारी आज की यह जानकारी जरूर पसंद आई होगी, हमें कमेंट करके जरूर बताये। नाग मंदिरों से जुड़ी शेष जानकारी मैं जल्द ही अपने अगले आर्टिकल में दूगी। साथ ही इसे सोशल मीडिया जैसे Facebook Instagram पर भी शेयर जरूर करें। बाकी अन्य आर्टिकलस को पढ़ने के लिए हमेशा ऐसे ही बने रहिये आपकी अपनी वेबसाइट www.99advice.com के साथ।


(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। www.99advice.com इसकी पुष्टि नहीं करता है।)






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Sumegha Bhatnagar

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