Nirjala Ekadashi 2024:हिंदू धर्म में निर्जला एकादशी का व्रत बहुत पवित्र माना जाता है।लेकिन कुछ महिलाओं को यह व्रत करना वर्जित है। ऐसा क्यों जानें यहां
मुख्य बिंदु
ज्येष्ठ माह में निर्जला एकादशी व्रत किया जाता है।
निर्जला एकादशी व्रत का बेहद खास महत्व है।
इस व्रत में कई नियमों का पालन अवशय करना चाहिए।
Nirjala Ekadashi 2024 Rules (किन औरतों को निर्जला एकादशी का व्रत नहीं रखना चाहिए): हिन्दू धर्म में निर्जला एकादशी का व्रत सभी एकादशी (Ekadashi 2024)
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व्रतों में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित माना जाता है। इस दिन श्री हरि विष्णु और माता लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा की जाती है। साथ ही “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः” मंत्र का जाप करना चाहिए।
ज्येष्ठ माह में निर्जला एकादशी व्रत 18 जून 2024 (Kab Hai Nirjala Ekadashi) को रखा जाएगा। ऐसी मान्यता है कि निर्जला एकादशी व्रत रखने से वर्षभर की 24 एकादशी व्रत के समान पुण्यफल की प्राप्ति होती है। कहते है कि निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi 2024) का व्रत रखने से जीवन में सफलता के रास्ते खुलने लगते हैं और साथ ही बिगड़े हुए काम बनने लगते हैं। यह व्रत बिना जल और अन्न ग्रहण किये रखा जाता है। जो लोग यह व्रत करते है वो पूरे दिन ना तो जल पीते है और न ही अन्न खाते है।
वैसे तो निर्जला एकादशी का व्रत महिलाओं के लिए अधिक शुभ माना जाता है। लेकिन शास्त्रों के अनुसार कुछ महिलाओं को यह व्रत करने की मनाही होती है। आज के हमारे इस महत्वपूर्ण लेख में आपको ये ज्ञात होगा कि वो कौन सी औरतें हैं जिन्हें एकादशी का यह पवित्र व्रत नहीं करना चाहिए। आइए जानते हैं-
इन महिलाओं को निर्जला एकादशी व्रत करने की मनाही
1. अधिक उम्र वालीं बीमार महिलाएं
निर्जला एकादशी का व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए बेहद महत्वपूर्ण होता है। ऐसा माना जाता है कि यह व्रत करने से वैवाहिक जीवन सुखमय होता है और संतान की प्राप्ति होती है। लेकिन अगर आप किसी गंभीर बीमारी से ग्रस्त है या आपकी उम्र अधिक है तो ऐसे में आप अपना व्रत पूरा रखने बजाये श्री हरि की पूजा करके कथा और आरती करनी चाहिए।
2. मासिक धर्म वाली महिलाएं
हिंदू रीति रिवाजों के अनुसार, महिलाओं को मासिक धर्म के समय पूजा-पाठ करने की मनाही होती है। ऐसे में मासिक धर्म के दौरान महिलाओं को निर्जला एकादशी व्रत नहीं करना चाहिए। परन्तु अगर व्रत करते समय मासिक धर्म आ जाए तो व्रत रखकर किसी और के द्वारा पूजा-अर्चना करवा सकते हैं। ऐसा माना जाता है कि इससे आपकी पूजा उतनी सफल होगी।
3. गर्भवती महिलाओं के लिए
शास्त्रों के अनुसार, निर्जला एकादशी का व्रत एक ऐसा व्रत है जिसे करने से संतान की प्राप्ति होती है। इस व्रत में अन्न और जल का सेवन नहीं किया जाता है। तो ऐसे में गर्भवती महिलाओं को निर्जला एकादशी व्रत नहीं करना चाहिए। इस दिन गर्भवती महिलाएं भगवान विष्णु पूजा कर सकती हैं।
दोस्तों निर्जला एकादशी व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है। उपरोक्त बताये गए नियमों के अनुसार इन 3 महिलाओं को भूलकर भी निर्जला एकादशी व्रत नहीं करना चाहिए। इस उम्मीद के साथ कि आपको हमारी यह विशेष जानकारी बेहद पसंद आई होगी, हमें कमेंट करके जरूर बताये। साथ ही इसे सोशल मीडिया जैसे Facebook
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