August 2022
क्यों है गणेश जी को दूर्वा अत्यंत प्रिय? जाने दूर्वा चढ़ानें के नियम और मंत्र

देशभर में 10 दिनों तक चलने वाला गणेशोत्सव प्रथम पूज्य गणेश जी को समर्पित है। सनातन धर्म में मान्यता है कि कोई भी पूजा या अनुष्ठान तभी सफल होता है, जब उस पूजा की शुरुआत गणेश जी के नाम से की जाती हैं। वैसे तो हर मास की चतुर्थी तिथि को गणेश पूजा का विधान है लेकिन हर साल भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि का अपना विशेष महत्व है। मान्यता है कि इसी चतुर्थी के दिन (Ganesh Chaturthi Festival) गणपति भगवान का जन्म हुआ था। इसीलिए इस दिन गणेश भगवान की विशेष पूजा अर्चना की जाती है और उनके लिए व्रत रखा जाता है।  

इस दौरान भगवान की मूर्ति  को घर में लाकर स्थापित करने की भी परम्परा  है। बप्पा (Bappa) के भक्त उनकी प्रतिमा को घर में इस विश्वास के साथ लाते हैं कि गणपति (Ganpati) उनके सारे संकट हर लेंगे। इस दिन नियम पूर्वक विधि-विधान के साथ भगवान गणेश की पूजा की जाती है। भगवान गणेश को दूर्वा (ganeshji ko durva kyu chadhate hain) बहुत पसंद है या यूँ कहें कि बिना दूर्वा या दूब घास के गणेशजी की पूजा पूरी नहीं होती है। इसलिए उनकी प्रिय दूर्वा अवश्य चढ़ानी चाहिए, माना जाता है कि ऐसा करने से भगवान गणेश जल्दी प्रसन्न होते हैं और सभी मनोकामना पूर्ण करते हैं। दूर्वा एक प्रकार की घास होती है, जिसे दूब, अमृता, अनंता, महौषधि भी कहा जाता है।

क्यों है गणेश जी को दूर्वा अत्यंत प्रिय? जाने दूर्वा चढ़ानें के नियम और मंत्र

यदि आप भी भगवान गणेश की मूर्ति स्थापना कर रहे हैं तो ध्यान रहें कि गणपति जी को पूजा के दौरान दूर्वा घास चढ़ाना भूले। कहा जाता है कि गणपति की पूजा में दूर्वा यानी दूब (durva ya doob) का बड़ा महत्व है, इसलिए जब तक गणपति आपके घर में विराजमान रहें, उन्हें दूर्वा जरूर अर्पि करें। आज हम आपको यहां बताएंगे कि आखिर भगवान गणेश को दूर्वा घास क्यों पसंद है और इसका धार्मिक महत्व क्या और इसे भगवान गणेश पर चढ़ाने के क्या नियम है -

22 Easy Ganesh Chaturthi Decoration Ideas


देशभर में मनाया जाना वाला उत्सव गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) 31 अगस्त से आरंभ हो रहा है। गणेश चतुर्थी के त्यौहार का हर कोई बेसब्री से इंतजार करता है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, गणेश चतुर्थी के दिन माता पार्वती के पुत्र गणेश जी का जन्म हुआ था। ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान गणेश कैलाश पर्वत से मानव जाति को सुख, समृद्धि और स्वास्थ्य का आशीर्वाद देने आते हैं। गणेश चतुर्थी धूम-धाम से मनाए जाने और 10 दिनों तक चलने वाले गणपति महोत्सव की शुरुआत का प्रतीक है, इसे 'विनायक चतुर्थी' भी कहा जाता है। इस उत्सव के दौरान घर-घर में  गणपति विराजित किये  जाते है और गणपति के भक्त मंदिर और  पंडालों  की बहुत सुंदर सजावट करते हैं। 

यूं तो त्योहारों के समय पूरा बाजार ही सजावट के सामानों से भरा रहता है, लेकिन अपने हाथों से की गई सजावट की बातअलग ही होती है।सर्वशक्तिमान गणेश की मूर्ति को जहां आप विराजित करते हैं उस जगह को आप फूलों के अलावा अन् चीजों से सजावट कर और भी आकर्षक बना सकते हैं। अगर आप भी गणेश उत्सव पर अपने हाथों से मंदिर और घर की सजावट करना चाहते हैं, तो हम आपके लिए ऐसे ही बेहतरीन और खूबसूरत डेकोरेशन के आइडियाज लेकर आयें हैं।

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