दीपक जलाते समय इन जरूरी बातों का रखें ध्यान
दीपक हर किसी के घर में जलाया जाता हैै। इसे दिया में सूत की बाती के साथ तेल या घी डालकर जलाते हैं। पहले लोग दिया को मिट्टी से बनाकर जलाते थे लेकिन अब पात्र के दिया का चलन भी हैं । प्रकाश करने के लिए दिये का इतिहास कितना पुराना है इसके बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता हैं लेकिन आदि समय में गुफाओं में भी दिया मनुष्य के साथ था।
दीपक जलाने का मतलब होता है कि अपने जीवन से अंधकार हटाकर प्रकाश फैलाना। प्रकाश प्रतीक होता है ज्ञान का। इसलिए कहा जाता है कि पूजा में दीपक जलाकर हम अंधकार को अपने जीवन से बाहर करते हैं। ऐसा करने से व्यक्ति पर अग्निदेव प्रसन्न होते हैं और उसे जीवन में कई तरह की परेशानियों से बचाते हैं। इसके अलावा पूजा में दीपक जलाने के कई फायदे और मान्यताएं बताई जाती हैं।
देवी-देवताओं की पूजा बिना दीपक जलाए पूरी नहीं हो सकती है। अगर विधिवत पूजा नहीं कर सकते हैं तो सिर्फ दीपक जलाएं और एक खास मंत्र बोलकर सामान्य पूजा की जा सकती है। मंदिर में आरती लेते समय भी यहां बताए जा रहे मंत्र का जाप करना शुभ रहता है।
1. दीपक जलाते समय और मंदिर में आरती लेते समय इस मंत्र का जाप करना चाहिए।
मंत्र:-
दीपज्योति: परब्रह्म: दीपज्योति: जनार्दन:।
दीपोहरतिमे पापं संध्यादीपं नामोस्तुते।।
शुभं करोतु कल्याणमारोग्यं सुखं सम्पदां।
शत्रुवृद्धि विनाशं च दीपज्योति: नमोस्तुति।।
इस मंत्र का सरल अर्थ यह है कि शुभ और कल्याण करने वाली, आरोग्य और धन संपदा देने वाली, शत्रु बुद्धि का नाश और शत्रुओं पर विजय दिलाने वाली दीपक की ज्योति को हम नमस्कार करते हैं।
इस प्रकार दीपक जलाकर मंत्र बोलने से घर-परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है और शत्रुओं से हमारी रक्षा होती है।
2. देवी-देवताओं के सामने घी का दीपक अपने बाएं हाथ की ओर लगाना चाहिए। तेल का दीपक दाएं हाथ की ओर लगाना चाहिए।
3. इस बात का ध्यान रखें कि पूजा के बीच में दीपक बुझना नहीं चाहिए। ऐसा होने पर पूजा का पूर्ण फल प्राप्त नहीं हो पाता है। अगर दीपक बुझ जाता है तो तुरंत जला देना चाहिए और भगवान से भूल-चूक की क्षमायाचना करनी चाहिए।
4. घी के दीपक के लिए सफेद रुई की बत्ती उपयोग करना चाहिए। जबकि तेल के दीपक के लिए लाल धागे की बत्ती ज्यादा शुभ रहती है।
5. पूजा में कभी भी खंडित दीपक नहीं जलाना चाहिए। पूजा-पाठ में खंडित चीजें शुभ नहीं मानी जाती है।
6. अगर घर में नियमित रूप से दीपक जलाया जाता है तो वहां हमेशा सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है। दीपक के धुएं से वातावरण में उपस्थित हानिकारक सूक्ष्म कीटाणु भी नष्ट हो जाते हैं।
7. शास्त्रों के अनुसार रोज शाम को मुख्य द्वार के पास दीपक जलाना चाहिए। इससे देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। इसी वजह से शाम को मेन गेट के पास दीपक जलाने की परंपरा चली आ रही है।
8. दीपक की दिशा के संबंध में ध्यान रखें ये बातें –
🔻दीपक की लौ पूर्व दिशा की ओर रखने से आयु में वृद्धि होती है।
🔻ध्यान रहे कि दीपक की लौ पश्चिम दिशा की ओर रखने से दुख बढ़ता है।
🔻दीपक की लौ उत्तर दिशा की ओर रखने से धन लाभ होता है।
🔻दीपक की लौ कभी भी दक्षिण दिशा की ओर न रखें, ऐसा करने से जन या धनहानि होती है।
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