Pitru Paksha 2020 |इस साल पितृपक्ष पर 19 साल बाद बन रहा है विशेष संयोग, यहां जानें श्राद्ध की विधि
पितृ पक्ष (Pitru Paksha 2020) को हिंदू धर्म में काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. इस साल पितृ पक्ष 1 सितंबर से शुरु होने जा रहा है जो 17 सितंबर तक रहेगा. इस साल नवरात्र और पितृ पक्ष में अधिकामास पड़ रहा है जिसके चलते दोनों में एक महीने का अंतर आ गया है. जिसके चलते इस साल पितृ पक्ष पर एक खास संयोग बन रहा है जो 19 साल बाद आया है. माना जाता है कि जो लोग पितृ पक्ष में पूर्वजों का तर्पण नहीं कराते, उन्हें पितृदोष लगता है. श्राद्ध के बाद ही पितृदोष से मुक्ति मिलती है. श्राद्ध से पितरों को शांति मिलती हैं. वे प्रसन्न रहते हैं और उनका आशीर्वाद परिवार को प्राप्त होता है
1 सितंबर : पूर्णिमा, 9.45 के बाद
2 सितंबर : प्रतिपदा श्राद्ध, सुबह
11 बजे के बाद
3 सितंबर : प्रतिपदा श्राद्ध, पूरा
दिन
4 सितंबर : दूसरा
श्राद्ध, पूरा
दिन
5 सितंबर : तीसरा
श्राद्ध, पूरा
दिन
6 सितंबर : चौथा
श्राद्ध, पूरा
दिन
7 सितंबर : पांचवां श्राद्ध, पूरा
दिन
8 सितंबर : छठा
श्राद्ध, पूरा
दिन
9 सितंबर : सातवां श्राद्ध, पूरा
दिन
10 सितंबर : आठवां
श्राद्ध, पूरा
दिन
11 सितंबर : नौवां
श्राद्ध, पूरा
दिन
12 सितंबर : दसवां
श्राद्ध, पूरा
दिन
13 सितंबर : ग्यारहवां श्राद्ध, पूरा
दिन
14 सितंबर : बारहवां श्राद्ध, पूरा
दिन
15 सितंबर : तेरहवां श्राद्ध, पूरा
दिन
16 सितंबर : चौदहवां श्राद्ध, पूरा
दिन
17 सितंबर : अमावस्या, पूरा
दिन
1. काला तिल
काला तिल का दान श्राद्ध में करें ऐसी मान्यता है की ऐसा करने से पितरों के तर्पण के निमित्त किसी भी चीज का दान करते समय काले तिल को लेकर दान करें. ये कहा जाता है की अगर इस दौरान अन्य वस्तुओं का दन न भी कर पाएं तो काले दिल का दान अवश्य करें. दान की दृष्टि से काले तिलों का दान संकट, विपदाओं से रक्षा करता है.
काला तिल का दान श्राद्ध में करें ऐसी मान्यता है की ऐसा करने से पितरों के तर्पण के निमित्त किसी भी चीज का दान करते समय काले तिल को लेकर दान करें. ये कहा जाता है की अगर इस दौरान अन्य वस्तुओं का दन न भी कर पाएं तो काले दिल का दान अवश्य करें. दान की दृष्टि से काले तिलों का दान संकट, विपदाओं से रक्षा करता है.
2. चांदी
चांदी धातु से मिर्मित किसी भी वस्तु का देन अवश्य करना चाहिए, ऐसा करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और साथ ही आर्शर्वाद प्राप्त होता है. चांदी देने से संबंध चंद्र ग्रह से है इसलिए श्राद्ध में चांदी,चावल,दूध से पितर को खुश करें
चांदी धातु से मिर्मित किसी भी वस्तु का देन अवश्य करना चाहिए, ऐसा करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और साथ ही आर्शर्वाद प्राप्त होता है. चांदी देने से संबंध चंद्र ग्रह से है इसलिए श्राद्ध में चांदी,चावल,दूध से पितर को खुश करें
3.वस्त्र
श्राद्ध कर्म में वस्त्रों का दान करना चाहिए, मान्यताएं हैं कि जो व्यक्ति श्राद्ध करता है तो ऐसे में धोती,दुपट्टे का देन करें. ऐसे में वो वंशजों से वस्त्र की भी कामना आदि करते हैं.
श्राद्ध कर्म में वस्त्रों का दान करना चाहिए, मान्यताएं हैं कि जो व्यक्ति श्राद्ध करता है तो ऐसे में धोती,दुपट्टे का देन करें. ऐसे में वो वंशजों से वस्त्र की भी कामना आदि करते हैं.
4.
गुड़ औऱ नमक
श्राद्ध के समय गुड़ और नमक का दान जरुर करें इससे पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और आपको उनका आर्शीर्वाद से आपके घर में सुख-शांति का वातावरण बना रहता है. ऐसा करने से गृह-क्लेश भी दूर है, ऐसे में श्राद्ध में इन चीजों का दान करें.
श्राद्ध के समय गुड़ और नमक का दान जरुर करें इससे पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और आपको उनका आर्शीर्वाद से आपके घर में सुख-शांति का वातावरण बना रहता है. ऐसा करने से गृह-क्लेश भी दूर है, ऐसे में श्राद्ध में इन चीजों का दान करें.
5.
जूते-चप्पल का दान
पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए आप जूते चप्पलों का दन करें, ऐसा कपने से आपके पूर्वज खुश होते हैं. मान्यताओं के अनुसार ऐसा करने से घर में सुख-शांति और खुशहाली आती है और पितरों की आत्मा को शांति मिलती है.
पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए आप जूते चप्पलों का दन करें, ऐसा कपने से आपके पूर्वज खुश होते हैं. मान्यताओं के अनुसार ऐसा करने से घर में सुख-शांति और खुशहाली आती है और पितरों की आत्मा को शांति मिलती है.
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