अक्षय तृतीया का दिन हिंदूओं के लिए काफी विशेष महत्व रखता है। इस बार यह शुभ तिथि 22 अप्रैल 2023 दिन शनिवार को है और यह बेहद शुभ और सौभाग्यशाली माना जाता है। कुछ जगहों पर ये दिन आखा तीज के रुप में भी मनाया जाता है।
पौराणिक
मान्यताओं के अनुसार, अक्षय तृतीया के दिन स्नान, दान, जप, तप, श्राद्ध और अनुष्ठान का बहुत महत्व है। ये दिन माता लक्ष्मी का होता है और कुछ लोग इस दिन सोना खरीदना शुभ मानते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस दिन किए जाने वाले दान का फल अक्षय होता है यानी कई जन्मों तक इसका लाभ मिलता है।
अक्षय तृतीया के दिन माँ लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिये कुछ कामों को करना शुभ माना जाता है और माँ की अप्रसन्नता से बचने के लिये कुछ कामों को करने की मनाही होती है।
इस बार अक्षय तृतीया पर 3 राजयोग होने से इसका महत्व और भी अधिक बढ़ गया है। इस दिन सुखों के प्रदाता शुक्र अपनी उच्च की राशि मीन में रहकर मालव्य राजयोग का निर्माण करेंगे। वहीं, गुरु के मीन राशि में होने से हंस राजयोग और शनि के अपने घर में होने से शश राजयोग बनेगा। अक्षय तृतीया पर ग्रहों की ऐसी स्थिति बहुत शुभ मानी जा रही है।
अक्षय तृतीया दिन कुछ कामों को करना शुभ माना जाता है और कुछ कामों को करने की मनाही होती है।
आइए जानते हैं अक्षय तृतीया के दिन कौन से काम किए जाते हैं और कौन से काम नहीं।
अक्षय तृतीया
के दिन जरूर करने चाहिए ये 8 काम-
★ अक्षय तृतीया के पावन दिन दान
करने का बहुत अधिक महत्व होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस तिथि पर दान करना
शुभ माना जाता है और दान करने वाले व्यक्ति को वैकुंठ धाम में जगह मिलती है।
★ अक्षय तृतीया को दान का महापर्व
माना गया है। इस दिन गंगा स्नान करके अपनी क्षमता के अनुसार जौ, गेहूं, चना, दही, चावल,
फल और अनाज का दान करना चाहिए। इस तिथि पर दान करने का कई गुना फल मिलता है।
★ अक्षय तृतीया का दिन शुभ होता है। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए। इस पावन तिथि पर सुबह स्नान करने के बाद घर के मंदिर में दीपक प्रज्वलित करें और भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का ध्यान करें।
★ धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अक्षय तृतीया के दिन श्रीरामचरित मानस का पाठ करना चाहिए। साथ ही आपको भगवान विष्णु के दसावतार की कथा का पाठ करना चाहिए। इनका पाठ करने पर आपको ऋषियों और महान संतों के दर्शन का फल मिलता है।
★ अक्षय तृतीया पर तुलसी की जड़ को दूध से सींचे। भगवान विष्णु की पूजा को तुलसी पत्र के बिना अधूरी माना जाता है। ऐसा करने पर भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
★ अक्षय तृतीया के पावन मौके
पर भगवान को भोग लगाना चाहिए। आप अपनी इच्छानुसार भोग लगा सकते हैं। इस बात का ध्यान
रखें, भगवान को सात्विक आहार का भोग लगाया जाता है। भगवान को भोग लगाने के बाद, भोग
का हिस्सा गाय को खिला दें और बाकी को परिवार के सभी लोगों में बांट दें।
★ अक्षय तृतीया पर कलश का दान
व पूजन अक्षय फल प्रदान करता है। इस जल से भरे कलश को मंदिर या किसी जरूरतमंद को दान
करने से ब्रह्मा, विष्णु और महेश की कृपा प्राप्त होती है। साथ ही पितरों को भी अक्षय
तृप्ति होती है और नवग्रह की शांति होती है। इस दिन की हुई पूजा पितरों तक सीधी जाती
है माना जाता है कि इन दिन सभी पिृत दिल खोलकर आशीर्वाद देते हैं।
★ अक्षय तृतीया की पावन तिथि
को व्यापार आरम्भ, गृहप्रवेश, वैवाहिक कार्य, सकाम अनुष्ठान, जप-तप, पूजा-पाठ आदि के
लिए अत्यंत शुभ माना गया है। इस दिन दिया गया दान और मिलने वाला पुण्य अक्षय रहता है,
अर्थात् वह कभी नष्ट नहीं होता है।