भारत में यह त्यौहार भाई-बहन के अटूट प्रेम को समर्पित है और इस त्यौहार का प्रचलन सदियों पुराना बताया गया है। इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बाँधती हैं और भाई अपनी बहनों की रक्षा का संकल्प लेते हुए अपना स्नेहाभाव दर्शाते हैं।
raksha bandhan 2019 kab hai | rakhi 2019 muhurat
रक्षाबंधन का त्यौहार प्रतिवर्ष श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाते हैं; इसलिए इसे राखी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। यह पर्व भाई-बहन के प्रेम का उत्सव है। इस दिन बहनें भाइयों की समृद्धि के लिए उनकी कलाई पर रंग-बिरंगी राखियाँ बांधती हैं, वहीं भाई बहनों को उनकी रक्षा का वचन देते हैं। कुछ क्षेत्रों में इस पर्व को राखरी भी कहते हैं। यह सबसे बड़े हिन्दू त्योहारों में से एक है।
क्या है भद्रा
शास्त्रों की मान्यता के अनुसार भद्रा का संबंध सूर्य और शनि से होता है। हिन्दू धर्म शास्त्रों में, भद्रा भगवान सूर्य देव की पुत्री और शनिदेव की बहन है। शनि की तरह ही इसका स्वभाव भी क्रूर बताया गया है। इस उग्र स्वभाव को नियंत्रित करने के लिए ही भगवान ब्रह्मा ने उसे कालगणना या पंचाग के एक प्रमुख अंग करण में स्थान दिया। जहां उसका नाम विष्टी करण रखा गया। भद्रा की स्थिति में कुछ शुभ कार्यों, यात्रा और उत्पादन आदि कार्यों को निषेध माना गया। इसलिये इस बार भद्रा का साया समाप्त होने पर ही रक्षाबंधन अनुष्ठान किया जाता है। लेकिन इस बार भद्रा मुक्त रक्षाबंधन होने से यह बहनों के लिये बहुत ही हर्ष का पर्व है।इसलिये भी खास है इस बार राखी
रक्षाबंधन का यह पवित्र त्यौहार इस बार गुरुवार के दिन है जो कि देव गुरु बृहस्पति का दिन माना जाता है। रक्षाबंधन को लेकर मान्यता है कि बृहस्पति देवराज इंद्र की विजय प्राप्ति के लिये इंद्र की पत्नी को रक्षासूत्र बांधने को कहा था। वहीं इसका चलन माना जाता है। इस कारण गुरुवार के दिन यह पर्व होने से इसका महत्व और भी बढ़ जाता है।रक्षाबंधन पूजा विधि (Raksha Bandhan Puja Vidhi)
1.रक्षाबंधन के दिन सबसे पहले बहनों को सुबह जल्दी उठकर स्नान करके साफ वस्त्र धारण करने चाहिए।
2.इसके बाद आटे से चौक पूजकर मिट्टी के छोटे से घड़े की स्थापना करें।
3.एक थाली में रोली, अक्षत, कुमकुम, मिठाई, घी का दीया और राखी रखें।
4. इसके बाद भाई को पूर्व दिशा की और बैठाकर रोली से तिलक करें और उसकी दहिने हाथ की कलाई पर राखी बांधे।
5. राखी बांधने के बाद अगर भाई छोटा है तो उसे आर्शीवाद दे और बड़ा है तो उससे आर्शीवाद ले।
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