हिंदू धर्म में सावन मास बेहद पावन महीनों में से एक होता है. श्रावण मास में कई पावन पर्वों का संयोग रहता है. उन पर्वों में से एक नाग पंचमी को हिंदू धर्म में बड़ी ही मान्यता के साथ मनाया जाता है. हर साल सावन महीने के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली पचंमी को नाग पंचमी के रूप में मनाया जाता है.
हिंदू धर्म में सावन मास बेहद पावन महीनों में से एक होता है. श्रावण मास में कई पावन पर्वों का संयोग रहता है. उन पर्वों में से एक नाग पंचमी को हिंदू धर्म में बड़ी ही मान्यता के साथ मनाया जाता है. हर साल सावन महीने के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली पचंमी को नाग पंचमी के रूप में मनाया जाता है. इस बार नाग पंचमी 5 अगस्त 2019 को है. शास्त्रों के अनुसार सर्प भगवान के अत्यंत प्रिय माने गए है. तभी तो भगावन शिव सर्प को अपने गले में धारण किए हुए हैं. दूसरी भगवान विष्णु भी शेषनाग पर खुद को विराजमान किए हुऐ हैं. ऐसे में नाग पंचमी के दिन नाग को देवता रूप में मानकर उनकी पूजा-अर्चना की जाती. ऐसे में आपको बताने जा रहे हैं कि नाग पंचमी की क्या महत्व और किस विधि से नाग देवता की पूजा करनी चाहिए. साथ ही इस बार किस शुभ मुहूर्त में पड़ रही है नाग पंचमी.
जाने नाग पंचमी पर कैसे करें पूजा-
- नाग पंचमी के दिन घरों के दरवाजों और दीवारों के कौनों पर कोयले को दूध में मिलकार सर्प का चिन्ह बनाएं.
- सुबह नित क्रिया और स्नान करने के बाद घर में सैवई और चावल बनवाएं.
- उसके बाद एक लकड़ी के तख्ते पर नाग देवता की मूर्ति स्थापित करें.
- जल, दूध, चंदन, सुंग्धित फूल, आदि पूजन सामग्री नाग देवता पर अर्पित करें.
- बैल पत्र, हरिद्रा, सिंदूर, नैवेद्ध आदि को विधि पूर्व नाग देवता को चढ़ा कर पूजा करें.
- साथ ही काल सर्पदोष वाले लोग नाग पंचमी पर ऊँ कुरुकुल्य हुं फट स्वाहा मंत्र का जाप करें.
- नाग पंचमी के दिन शिवालय यानी शिव मंदिर पर जाकर सर्प को दूध पिलाना काफी शुभ माना जाता है.
नागपंचमी पर कालसर्प दोष के उपाय (Nag Panchami Kaal Sarp Dosh Ke Upay)
1.नागपंचमी के दिन चांदी के नाग- नागिन का जोड़ा बनवाकर विधिवत पूजा करें। इसके बाद नाग-नागिन के जोड़े को बहते जल में प्रवाहित कर दें।
2.नागपंचमी के दिन सपेरे को पैसें देकर नाग- नागिन के जोड़े को जंगल में आजाद कराएं।
2.नागपंचमी के दिन सपेरे को पैसें देकर नाग- नागिन के जोड़े को जंगल में आजाद कराएं।
3.नागपंचमी के दिन किसी ऐसे शिव मंदिर में जाएं जहां नाग न हो। वहां जाकर चांदी के नाग को प्रतिष्ठित कराकर नाग चढ़ाएं।
4.नागपंचमी में भगवान शिव के मंदिर में जाकर गुलाब इत्र चढ़ाएं और स्वंय भी रोज वही इत्र लगाएं।
5.नागपंचमी के दिन गौ मूत्र से दांत साफ और नित्य दिन ऐसा ही करें।
6. नागपंचमी के दिन शिवलिंग पर चंदन तथा चंदन का इत्र लगांए।
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