bathroom mai na kare yeh galtiyan
हर व्यक्ति की आदतें अलग-अलग होती हैं। ज्योतिष शास्त्र और गरुड़ पुराण में शुभ-अशुभ आदतें बताई गई हैं।
शुभ आदतों की वजह से हमें भाग्य का साथ मिलता है और अशुभ आदतों की वजह से जीवन में परेशानियां बढ़ सकती हैं।
यहां जानिए एक ऐसी बुरी आदत के बारे में जिसकी वजह से चंद्र, राहु-केतु के दोष बढ़ते हैं और गरीबी बढ़ सकती है।
बाथरूम को गंदा छोड़ने की आदत : काफी लोग नहाने के बाद बाथरूम गंदा ही छोड़ देते हैं या बिना वजह पानी की बर्बादी करते हैं। ये आदत ज्योतिष के नजरिए से दुर्भाग्य बढ़ाने वाली है। इसकी वजह से चंद्र और राहु-केतु के दोष बढ़ते हैं।
पानी का कारक चंद्र है और बाथरूम जल तत्व से संबंधित है। बाथरूम में पानी का अपव्यय करने से कुंडली में चंद्र कमजोर हो जाता है।
- जहां गंदगी रहती है, खासतौर पर बाथरूम में गंदगी होने पर राहु-केतु के दोष बढ़ने लगते हैं। राहु-केतु छाया ग्रह हैं और दोनों हमेशा वक्री रहते हैं। ये ग्रह एक राशि में करीब 18 माह रुकते हैं। इनकी वजह से ही कालसर्प योग बनता है। राहु-केतु ऐसे ग्रह हैं, जिनकी वजह से किसी भी व्यक्ति की किस्मत रातोंरात बदल सकती है।
राहु-केतु उन लोगों के लिए अशुभ हो जाते हैं जो साफ-सफाई का ध्यान नहीं रखते हैं। बाथरूम की गंदगी की वजह से वास्तु के दोष भी बढ़ते हैं।
वास्तु दोष बढ़ने की वजह से घर में नकारात्मकता बढ़ती है। नकारात्मकता की वजह से घर में रहने वाले लोगों के विचार भी नकारात्मक हो जाते हैं।
ऐसे में कामों में सफलता आसानी से नहीं मिल पाती है। चंद्र और राहु-केतु के दोष दूर करने के लिए ध्यान रखें बाथरूम हमेशा साफ रखें और पानी की बर्बादी बिल्कुल भी न करें।
शुभ आदतों की वजह से हमें भाग्य का साथ मिलता है और अशुभ आदतों की वजह से जीवन में परेशानियां बढ़ सकती हैं।
यहां जानिए एक ऐसी बुरी आदत के बारे में जिसकी वजह से चंद्र, राहु-केतु के दोष बढ़ते हैं और गरीबी बढ़ सकती है।
बाथरूम को गंदा छोड़ने की आदत : काफी लोग नहाने के बाद बाथरूम गंदा ही छोड़ देते हैं या बिना वजह पानी की बर्बादी करते हैं। ये आदत ज्योतिष के नजरिए से दुर्भाग्य बढ़ाने वाली है। इसकी वजह से चंद्र और राहु-केतु के दोष बढ़ते हैं।
पानी का कारक चंद्र है और बाथरूम जल तत्व से संबंधित है। बाथरूम में पानी का अपव्यय करने से कुंडली में चंद्र कमजोर हो जाता है।
- जहां गंदगी रहती है, खासतौर पर बाथरूम में गंदगी होने पर राहु-केतु के दोष बढ़ने लगते हैं। राहु-केतु छाया ग्रह हैं और दोनों हमेशा वक्री रहते हैं। ये ग्रह एक राशि में करीब 18 माह रुकते हैं। इनकी वजह से ही कालसर्प योग बनता है। राहु-केतु ऐसे ग्रह हैं, जिनकी वजह से किसी भी व्यक्ति की किस्मत रातोंरात बदल सकती है।
राहु-केतु उन लोगों के लिए अशुभ हो जाते हैं जो साफ-सफाई का ध्यान नहीं रखते हैं। बाथरूम की गंदगी की वजह से वास्तु के दोष भी बढ़ते हैं।
वास्तु दोष बढ़ने की वजह से घर में नकारात्मकता बढ़ती है। नकारात्मकता की वजह से घर में रहने वाले लोगों के विचार भी नकारात्मक हो जाते हैं।
ऐसे में कामों में सफलता आसानी से नहीं मिल पाती है। चंद्र और राहु-केतु के दोष दूर करने के लिए ध्यान रखें बाथरूम हमेशा साफ रखें और पानी की बर्बादी बिल्कुल भी न करें।
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