आइये जानते है क्या है महत्व कार्तिक दामोदर मास का.... क्यूँ है इसमें पूजन शुभ और विशेष।


क्यों है कार्तिक (दामोदर) मास की महिमा??


आध्यात्मिक ऊर्जा एवं शारीरिक शक्ति संग्रह करने में कार्तिक मास का विशेष महत्व है। इसमें सूर्य की किरणों एवं चन्द्र किरणों का पृथ्वी पर पड़ने वाला प्रभाव मनुष्य के मन मस्तिष्क को स्वस्थ रखता है। इसीलिए शास्त्रों में कार्तिक मास महात्म्य पर विशेष जोर दिया गया है। भगवान विष्णु एवं विष्णुतीर्थ के समान ही कार्तिक मास को श्रेष्ठ और दुर्लभ कहा गया है। कार्तिक मास कल्याणकारी माना जाता है। कहा गया है कि कार्तिक के समान दूसरा कोई मास नहीं, सतयुग के समान कोई युग नहीं, वेद के समान कोई शास्त्र नहीं और गंगाजी के समान कोई तीर्थ नहीं है। कार्तिक माह की विशेषता का वर्णन स्कन्द पुराण में भी दिया गया है| स्कन्द पुराण में लिखा है कि सभी मासों में कार्तिक मास, देवताओं में विष्णु भगवान, तीर्थों में नारायण तीर्थ (बद्रीनारायण) शुभ हैं।


हिंदू धर्म के धर्म शास्त्रों में प्रत्येक ऋतु व मास का अपना विशेष महत्व बताया गया है। सामान्य रूप से कार्तिक-मास का प्रारंभ शरद पूर्णिमा से होता है और यह कार्तिक पूर्णिमा तक चलता है। इस मास को "दामोदर मास" भी कहते हैं। दामोदर परम भगवान श्री कृष्ण का ही एक नाम है। कार्तिक मास में भगवान कृष्ण ने बहुत सी लीलाएं की हैं| इसी मास में यशोदा माँ ने बाल कृष्ण को ऊखल से बांधा था जिससे उनका नाम दामोदर पड़ा अर्थात् जिनका उदर(पेट) दाम(रस्सी) से बंध गया और इसलिए कार्तिक मास का नाम दामोदर मास पड़ा|


भगवान विष्णु और राधारानी को भी यह महीना सबसे अधिक पसंद है। भगवान विष्णु ने इसमें मत्स्य अवतार लिया था और राधारानी को यह महीना इसलिए पसंद है, क्योंकि इसमें भगवान कृष्ण ने विलक्षण लीलाएं की हैं। जिस प्रकार श्रावण मास शिव को समर्पित है, तो फाल्गुन कामदेव को, उसी तरह पुरुषोत्तम मास विष्णु को, तो कार्तिक मास श्रीकृष्ण को। इसीलिए, कार्तिक के संदर्भ में, ऐसी मान्यता है कि श्रीकृष्ण को वनस्पतियों में तुलसी, पुण्यक्षेत्रों में द्वारिका, तिथियों में एकादशी, प्रियजनों में राधा, महीनों में कार्तिक विशेष प्रिय हैं। इसीलिए कहते है…


कृष्ण प्रियो हि कार्तिक…. कार्तिक: कृष्ण वल्लभ:| 



कार्तिक माह में भगवान श्रीहरि की विधि विधान से पूजा की जाती है। कार्तिक का महत्व पद्मपुराण तथा स्कंदपुराण में बहुत विस्तार से उपलब्ध है। पुराणों में कहते हैं कि कार्तिक मास में धन से संबंधित विशेष आराधना व उपासना की जाती है, जिससे धन, आयु व आरोग्य की प्राप्ति होती है। मान्यता है कि इस माह व्रत एवं तप करने वाले साधक को विशेष लाभ मिलता है । कार्तिक माह के बराबर भगवान विष्णु के पूजन व विष्णुतीर्थ के लिए कोई दूसरा माह नहीं है। कार्तिक मास में स्त्रियां ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करके राधा-दामोदर की पूजा करती हैं। कलियुग में कार्तिक मास व्रत को मोक्ष के साधन के रूप में बताया गया है। कार्तिक में पूरे माह ब्रह्म मुहूर्त में किसी नदी, तालाब, नहर या पोखर में स्नान कर भगवान की पूजा की जाती है। इस माह में किया गया स्नानदान, दीपदान एवं तुलसी की पूजा विशेष फलदायी मानी गई है।






धर्म शास्त्रों के अनुसार कार्तिक मास में सबसे प्रधान कार्य दीपदान करना बताया गया है। इससे अतुल्य पुण्य की प्राप्ति होती है। पदमपुराण के अनुसार कार्तिक के महीने में शुद्ध घी अथवा तेल का दीपक व्यक्ति को अपनी सामर्थ्यानुसार जलाना चाहिए| इस माह में जो व्यक्ति घी या तेल का दीया जलाता है, उसे अश्वमेघ यज्ञ के बराबर फलों की प्राप्ति होती है| इस मास में मंदिरों, नदी, पोखर, तालाब आदि में दीपदान किया जाता है। मान्यता है कि इस माह में दीपदान करने से लक्ष्मी जी प्रसन्न होती हैं एवं विष्णु जी की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में छाया अंधकार दूर होता है| कार्तिक मास में भगवान कृष्ण के आगे संध्या समय दिया अर्पण करने का विशेष महत्व है। इस विषय में पद्म पुराण में कहा गया है कि "कार्तिक मास में मात्र एक दीपक अर्पित करने से भगवान कृष्ण प्रसन्न होते हैँ। भगवान कृष्ण ऐसे व्यक्ति का भी गुणगान करते  हैँ जो दीपक जला कर अन्योँ को अर्पित करने के लिए देते हैँ।"







तुलसी जी के लिए भी यह महीना बहुत महत्व रखता है। पुराणों के अनुसार कार्तिक माह में ही तुलसी जी का प्राकट्य धराधाम पर हुआ था। हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे की पूजा की जाती है। दूसरे महीनों की तुलना में कार्तिक माह में तुलसी की पूजा का विशेष महत्व है। शास्‍त्रों के अनुसार तुलसी जी भगवान विष्णु जी को अति प्रि‍य है एवं तुलसी जी की बात भगवान विष्णु कभी नहीं टालते हैं। अतः तुलसी जी की पूजा के माध्यम से भगवान विष्णु तक अपनी बात सरलता से पहुंचाई जा सकती है। ऐसे में तुलसी जी की विधिवत पूजा करने से सभी दुख, रोग सब दूर हो जाते हैं। इसके अलावा धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस माह साथ ही कार्तिक शुक्ल प्रबोधिनी एकादशी/ देवउठनी एकादशी पर तुलसी विवाह किया जाता है। तुलसी के पौधे को सजा कर भगवान शालिग्राम के पूजन के साथ उनका विवाह संपन्न कराया जाता है। वैसे तो हर मास में तुलसी का सेवन व आराधना करना श्रेयस्कर होता है लेकिन कार्तिक में तुलसी पूजा विशेष फलदायी मानी गई है। तुलसी के पत्ते पंचामृत में डालने पर चरणामृत बन जाता है। तुलसी में अनन्त औषधीय गुण भी विद्यमान हैं। इसीलिए हमारे ऋषि-मुनियों ने इन्हें विष्णु प्रिया कहकर पूजनीय माना है।


कार्तिक माह के महत्व के बारे में स्कन्द पुराण, नारद पुराण, पद्म पुराण आदि प्राचीन ग्रंथों में मिलता है। स्कंद पुराण तथा पद्म पुराण के अनुसार यह माह धर्म, अर्थ, काम व मोक्ष को देने वाला कहा गया है। इस माह में विशेष कर दीपावली के बाद गोपाष्टमी, आंवला नवमी और देवउठनी एकादशी पर पूजन का काफी महत्व है। इसके साथ ही माह के अंतिम दिन में आने वाली बैकुंठ चतुर्दशी पर हरिहर मिलन और चातुर्मास की समाप्ति कार्तिक पूर्णिमा पर होती है। कार्तिक पूर्णिमा शरद ऋतु की अन्तिम तिथि है। कार्तिक पूर्णिमा ब़डी पवित्र तिथि मानी जाती है। इस तिथि को ब्रह्मा, विष्णु, शिव, अंगिरा और आदित्य आदि का दिन माना गया है। इस दिन किए हुए स्त्रान, दान, हवन, यज्ञ व उपासना आदि का अनन्त फल प्राप्त होता है। विशेष कर कार्तिक माह के आखिरी पांच दिनों, जो कि भीष्म पंचक कहलाता है उसमें की गई तपस्या का फल पूरे साल की तपस्या के बराबर है।


कार्तिक माह अत्यधिक पवित्र माना जाता है। भारत के सभी तीर्थों के समान पुण्य फलों की प्राप्ति इस माह में मिलती है। इस माह में की गई पूजा तथा व्रत से ही तीर्थयात्रा के बराबर शुभ फलों की प्राप्ति हो जाती है...!! 
























Tags: क्यों है कार्तिक (दामोदर) मास की महिमा wiki, क्यों है कार्तिक (दामोदर) मास की महिमा youtube, क्यों है कार्तिक (दामोदर) मास की महिमा wikipedia, क्यों है कार्तिक (दामोदर) मास की महिमा facebook, कार्तिक मास की महिमा in hindi, कार्तिक मास का महत्व, कार्तिक मास की महत्व essay, कार्तिक मास की महत्व hindi, कार्तिक मास की महत्व kahani, कार्तिक मास की महत्व meaning, कार्तिक मास की महत्व nibandh, कार्तिक मास में पूजा, कार्तिक मास महात्म्य, कार्तिक मास के व्रत, कार्तिक मास में तुलसी पूजन, कार्तिक मास में दीपदान, कार्तिक मास में तुलसी पूजा, कार्तिक मास के त्यौहार,कार्तिक मास मेंकार्तिक मास 2023, कार्तिक मास का महत्व, कार्तिक मास की कथा,










____

99advice.com provides you with all the articles pertaining to Travel, Astrology, Recipes, Mythology, and many more things. We would like to give you an opportunity to post your content on our website. If you want, contact us for the article posting or guest writing, please approach on our "Contact Us page."
Share To:

Sumegha Bhatnagar

I am an independent writer and blogger from Delhi. I Completed my graduation and masters in Hindi Honors from Delhi University. After that, I pursued an M.B.A. from IMT Ghaziabad. I blog, I write, I inform @WWW.99ADVICE.COM Here, I delve into the worlds of travel, fashion, relationships, spirituality, mythology, food, technology, and health. Explore stunning destinations, stay trendy with fashion insights, navigate the intricacies of relationships, ponder spiritual matters, unravel ancient myths, savor culinary delights, stay updated on tech innovations, and prioritize your well-being with health tips and many more fun topics!! Join me as we explore these diverse topics together!

Post A Comment:

0 comments so far,add yours